Thursday, October 19, 2017

बग्वाल DIWALI CELEBRATION BY GARHWALIS - Traditional diwali celebration in uttarakhand

How to celebrate diwali in uttarakhand
Diwali, which leads us into truth and light, is celebrated in Uttarakhand with some differnces in all part of the sate. 
हमारे उत्तराखंड में दिवाली के त्योहार को हम ' बग्वाल ' के नाम से मनाते हैं । बग्वाल में लोग अपने घरो में लाल मिटटी का लेप (लिपा -पोती )  और घरो की  सफाई करते हैं ।  क्योंकि  लक्ष्मी जी शुद्ध  और साफ़ सफाई वाले घरों में निवास करती हैं. । ऐसा माना जाता है कि  बग्वाल के दिन घरों की साफ़ सफाई की धूल  (गर्दा)  को बहार फेंकना धन की हानि समझा जाता है । हम पहाड़ी  लोग बग्वाल के  दिन उड़द  और  मूँग की दाल   के पकोड़े बनाते हैं और इस दिन  गाँव में पशुओं की पूजा और उनको  बग्वाल पर विशेष  भूसा खिलाया जाता है ।

ठीक दिवाली के 11  दिन बाद हम लोग एकादशी बग्वाल मानते हैं । जिसमे भेळू (एक गढ़वाली परंपरागत संस्कृति ) जिसमे पहाड़ी लोग चीड़ के पेड़ की लकडियों ( छिला ) का गठ्ठा   बनाकर  रस्सी से बांधकर जलाते हैं ।
जिसे  गाँव की महिलाएं और पुरुष भेळू को  बारी-बारी से जंगल और गाँव  घुमाते  है।
बग्वाल को पहाड़ में बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता  है । बग्वाल की रात को झुमेला (ऋतु गीत  ) नृत्य का आयोजन भी होता है जिसमे गाँव की महिलाएं गोलाकार आकृति में खड़े हो कर नृत्य करती हैं ।